आज उनका ये संदेश मिला,
एक बेबस सा आदेश मिला।
मर जायें तिल-तिल कर,
आओ हम-तुम मिल कर,
एक कोना जी का जला दें।
हम अपना प्यार भुला दें।
प्यार की उन बातों को भूलें,
सपनों में कटी रातों को भूलें,
और भूलें सारी यादों को,
कर ना सके जिन वादों को,
वापस दिल में दबा दें।
हम अपना प्यार भुला दें।
था तुझे क्या यह ग्यात,
होता स्नेह से स्नेह का घात।
एक के आँसू दूजे की हंसी,
मेरे उर में जो पीड़ा बसी,
मेरा अस्तित्व मिटा दे।
हम अपना प्यार भुला दें।
wow
ReplyDeletebahut khoob
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